नवंबर के पहले दो हफ्तों में लगातार बिकवाली के बाद FPI 15 और 16 तारीख को खरीदार बन गए
देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी के आईपीओ को लेकर सुगबुगाहत शुर हो गई है. सरकार अब एक्शन में आ गई है.
अगर वे इस तरह का कोई कारोबार करते हैं या इसमें लिप्त पाए जाते हैं तो यह नियमों का उल्लंघन है और इसके चलते सख्त कार्रवाई हो सकती है.
Foreign Portfolio Investors: सितंबर में ज्यादातर उभरते मार्केट में FPI ने पूंजी डाली है. हालांकि इस दौरान भारत में FPI का फ्लो सबसे हाई रहा है.
7 सितंबर को सेबी का सर्कुलर जारी होने से पहले न तो FPI और न ही भारत में उनके कस्टोडियन से कोई सलाह ली गई थी.
यह लिस्टेड कंपनियों के टेकओवर को अधिक जटिल बनाता है और निवेशकों को नियंत्रित हिस्सेदारी हासिल करने से भी रोकता है.
ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारत के शामिल होने के बाद 10 सालों में 250 अरब डॉलर की बढ़ोतरी और सरकार के लिए उधार लेने की लागत में कमी आने की उम्मीद है
SEBI: प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करना होगा सात सितंबर, 2021 तक उनसे जुड़े व्यक्ति जो पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के लिए वितरक के रूप में काम कर रहे हैं.
सेबी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि एफपीआई के लिए यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि भारत में उनके सभी मौजूदा डेरिवेटिव ट्रेड प्रीफंडेड हैं.